सिंधु घाटी सभ्यता - News Big

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सिंधु घाटी सभ्यता


भारत की प्रथम सभ्यता सिंधु (हड़प्पा संस्कृति) है भारतीय उपमहाद्वीप में प्रथम सभ्यता उत्तर पश्चिम क्षेत्र में विकसित हुई थी यह सभ्यता के निर्माता द्रविड़ थे

इस सभ्यता की खोज ब्रिटिश अधिकारी सर जॉन मार्शल के संरक्षण में राय बहादुर दयाराम साहनी एवं राखल दास बनर्जी द्वारा 1920-21 ई में हुई थी सिंधु सभ्यता में हड़प्पा स्थल का उत्खनन कार्य 1921 मैं प्रारंभ किया गया था


सिंधु सभ्यता का काल डॉक्टर बी० ए० स्तिथ के अनुसार 2500 ईसवी पूर्व से 1500 ईसवी पूर्व तक था प्रस्तुत रेडियोएक्टिव सी c14 के अनुसार 2500 ईसवी पूर्व से 1750 ईसवी पूर्व तक था द ऑफ़ इंडिया के अनुसार 2400 ई पूर्व से 1700 ईसवी पूर्व तक का था


सिंधु सभ्यता का नगरीय विकास

सिंधु सभ्यता का नगरीय विकास

यह सभ्यताएं अधिकांश नगर नदी के किनारे स्थित थे सिंधु तथा उसकी सहायक नदियों के किनारे विकसित हुए थी इस सभ्यता का संपूर्ण क्षेत्र का आकार त्रिभुज कर था सबसे बड़ी इमारत मोहनजोदड़ो का अन्नागार थी इन इमारत के प्रमुख यूट्यूब की लंबाई चौड़ाई और ऊंचाई का अनुपात 4:2:1 था इस सभ्यता में प्राप्त परिपक्व अवस्था वाले में केवल सात नगर का पता चल पाया है जो इस प्रकार है


हड़प्पा

हड़प्पा

इस सभ्यता की खोज 1856 में ए०
कनिंघम के द्वारा खोजी गई थी यह वर्तमान में पाकिस्तान मांण्टगोमरी जिले में स्थित है
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद हड़प्पा सभ्यता का सर्वाधिक स्थल भारत के गुजरात में खोजे गए इस सभ्यता में स्वास्तिक चिन्ह विशेष मिलते हैं हड़प्पा वासी फिनिशिया के मूल निवासी थे सर्वप्रथम कपास ऊपर जाने का श्रेय हड़प्पा वासियों को दिया जाता है हड़प्पा कालीन नगरों का सर्वाधिक महत्वपूर्ण लक्षण प्राप्त होता है


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मोहनजोदड़ो

मोहनजोदड़ो

इस सभ्यता की खोज 1952 में राखल दास बनर्जी ने की थी यह सभ्यता सिंधु नदी के तट पर स्थित थी आज के वर्तमान पाकिस्तान के सिंह प्रांत का लरकाना  जिला हैमोहनजोदड़ो का शाब्दिक


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